“अरे यार, सुबह-सुबह ही रुपया 87.29 के निचले स्तर पर पहुँच गया… डॉलर के आगे लुढ़कता देख दिल बैठ गया! 😰” मुंबई के इंटरबैंक फॉरेक्स मार्किट में आज रुपया 67 पैसे गिरकर ऐतिहासिक निचाई पर पहुँचा। वजह? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर 25% और 10% टैरिफ लगाकर ग्लोबल ट्रेड वॉर का खेल शुरू कर दिया। फॉरेक्स ट्रेडर्स का कहना है, “ये तो सिर्फ शुरुआत है, आगे और तूफान आएगा!”
डॉलर का दबदबा, FIIs का पलायन
रुपया पिछले कुछ दिनों से लगातार दबाव में है। विदेशी निवेशक (FIIs) पैसा निकाल रहे हैं, और डॉलर की माँग आसमान छू रही है। ऊपर से, तेल आयातकों की डॉलर खरीद और मार्किट में रिस्क एवर्जन (जोखिम से डर) ने रुपये को और धकेल दिया। CR Forex के अमित पाबरी बताते हैं, “ट्रंप ने अपने टैरिफ के वादे को पूरा कर दिया… ये ट्रेड वॉर की पहली चिंगारी है! इन्वेस्टर्स सेफ्टी के लिए डॉलर की ओर भाग रहे हैं, जो 109.77 के लेवल तक पहुँच गया।”
यूरो-येन भी लुढ़के, एशियाई करेंसीज़ बेहाल
- यूरो: 1.0224 के निचले स्तर पर, 20 साल का रिकॉर्ड टूटा।
- येन: 155.54 पर पहुँचा, जबकि US 10-इयर यील्ड 4.498% पर।
- एशियाई मुद्राएँ: चीन का युआन 7.3551, इंडोनेशियन रुपियाह 16448 और साउथ कोरियन वॉन 1470 तक गिरा।
तेल और शेयर मार्किट पर मार
- तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड 0.71% चढ़कर $76.21 प्रति बैरल।
- शेयर बाज़ार: सेंसेक्स 575 पॉइंट (0.74%) लुढ़ककर 76,930 पर, निफ्टी 206 पॉइंट गिरा।
- FIIs का एक्जिट: शनिवार को FIIs ने 1,327 करोड़ रुपए के शेयर बेच डाले!
RBI की मुश्किलें बढ़ीं, फॉरेक्स रिजर्व में उछाल
24 जनवरी तक भारत का फॉरेक्स रिजर्व $5.574 बिलियन बढ़कर $629.557 बिलियन हो गया। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से रिजर्व में गिरावट जारी है। RBI डॉलर की वोलैटिलिटी कम करने के लिए मार्किट में हस्तक्षेप कर रही है। फाइनरेक्स ट्रेजरी के अनिल भंसाली कहते हैं, “आज रुपया 86.65/87.00 के बीच रहेगा, और RBI शायद डॉलर की बोली को कंट्रोल करे।”
आम आदमी की जेब पर क्या असर?
- पेट्रोल-डीजल महँगा: तेल महँगा होने से ट्रांसपोर्ट और रोजमर्रा की चीजों के दाम चढ़ेंगे।
- इम्पोर्टेड सामान महँगा: मोबाइल, लैपटॉप से लेकर सोना तक!
- EMI बढ़ने का डर: विदेशी कर्ज महँगा होगा, जिससे होम लोन और कार लोन की किश्तें बढ़ सकती हैं।
फाइनल बात: “ट्रंप का ये टैरिफ गेम भारत के लिए मुसीबत बन सकता है। अगर RBI और सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो ‘मेड इन इंडिया’ से ज्यादा ‘मेड इन अमेरिका’ का रोना रोना पड़ेगा!” 💸