शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस होने के 5 मुख्य कारण

ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर बाजार की सबसे चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण विधियों में से एक मानी जाती है। यहां, निवेशक कम समय में बड़े मुनाफे की उम्मीद में अपने धन को जोखिम में डालते हैं। लेकिन सच्चाई …

ऑप्शन ट्रेडिंग शेयर बाजार की सबसे चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण विधियों में से एक मानी जाती है। यहां, निवेशक कम समय में बड़े मुनाफे की उम्मीद में अपने धन को जोखिम में डालते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अधिकांश नए या अनभिज्ञ निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग में भारी नुकसान का सामना करते हैं। ऐसा क्यों होता है? क्या ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस होना अनिवार्य है, या इसके पीछे कुछ खास कारण छिपे होते हैं?

इस लेख में हम ऑप्शन ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान के प्रमुख कारणों का विश्लेषण करेंगे, जिससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि इस ट्रेडिंग विधि में कैसे नुकसान को कम किया जा सकता है और अपने मुनाफे को बढ़ाया जा सकता है। ऑप्शन बाजार की जटिलताओं को समझना और सही रणनीतियों का पालन करना बेहद आवश्यक है, अन्यथा यहां निवेशक को लालच, डर और गलत निर्णयों के कारण बड़े घाटे का सामना करना पड़ता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान के 5 मुख्य कारण

ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान के 5 मुख्य कारण
ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान के 5 मुख्य कारण

शेयर बाजार में या फिर ऑप्शन ट्रेडिंग में लॉस होने के कई कारण होते है लेकिन उन में से यह 5 मुख्य कारण है जिसे आप नीचें विस्तार से पढ़ सकते हैं:

1. लालच: सस्ते OTM ऑप्शंस की ओर आकर्षण

ऑप्शन ट्रेडिंग में अधिकतर निवेशक सस्ते OTM (Out of the Money) ऑप्शंस खरीदते हैं। वे यह सोचते हैं कि कम प्रीमियम पर अधिक मात्रा में ऑप्शंस खरीदने से, बाजार के उनके पक्ष में जाने पर, उन्हें बड़ा मुनाफा होगा। हालांकि, OTM ऑप्शंस की कीमतें अधिकतर गिरती रहती हैं और इनके सफल होने की संभावना बेहद कम होती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए किसी स्टॉक की वर्तमान कीमत ₹1000 है और निवेशक ₹1200 स्ट्राइक प्राइस वाले कॉल ऑप्शन को खरीदता है, जिसकी वैलिडिटी 7 दिन है। ऐसे में, अगर कीमत ₹1200 तक नहीं पहुँचती, तो निवेशक का पूरा प्रीमियम व्यर्थ हो जाएगा।

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2. बड़े लॉट साइज में ट्रेड करना

कम प्रीमियम के कारण कई निवेशक अपने अकाउंट साइज की तुलना में बड़ी मात्रा में ऑप्शंस खरीद लेते हैं। यह रणनीति तब तक काम करती है जब तक बाजार उनकी दिशा में चलता है। लेकिन अगर बाजार अचानक से विपरीत दिशा में जाता है, तो बड़े लॉट साइज के कारण निवेशक को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यह नुकसान अकाउंट बैलेंस को ख़त्म करने तक पहुँच सकता है।

3. साइडवेज़ मार्केट का प्रभाव

साइडवेज़ मार्केट तब होता है जब स्टॉक की कीमतें एक दायरे में स्थिर रहती हैं और बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं करतीं। इस स्थिति में, ऑप्शन बायर्स को नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि ऑप्शन प्रीमियम समय के साथ घटता रहता है, जिसे ‘टाइम डिके’ कहते हैं। रिटेल ट्रेडर इस समय में अक्सर घबराहट में गलत फैसले ले लेते हैं, जिससे उनका नुकसान और बढ़ जाता है।

4. मनोवैज्ञानिक कारक: डर और लालच

ऑप्शन ट्रेडिंग में डर और लालच का बड़ा प्रभाव होता है। जब बाजार तेजी से ऊपर जाता है, तो निवेशक लालच में आकर अपने ऑप्शंस को होल्ड करते रहते हैं, सोचते हैं कि और अधिक मुनाफा होगा। लेकिन अगर बाजार अचानक नीचे गिरने लगता है, तो वे डर की वजह से जल्दी-जल्दी अपने ऑप्शंस को बेच देते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग रणनीतियों से निवेशकों को बहुत नुकसान हो सकता है।

5. गलत टाइमिंग और रणनीति का अभाव

ऑप्शन ट्रेडिंग में सही समय पर एंट्री और एग्ज़िट करना बेहद आवश्यक है। बिना किसी रिसर्च या उचित रणनीति के ट्रेडिंग करना जोखिम भरा होता है। कई बार निवेशक अपनी ट्रेडिंग योजना पर पूरी तरह अमल नहीं करते, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होता है। सही रणनीति और अनुशासन की कमी के कारण भी निवेशक गलत समय पर ऑप्शंस खरीद या बेच देते हैं, जिससे उनके नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।

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ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान से कैसे बचें?

  • सही रणनीति बनाएं: हर ट्रेड से पहले एक स्पष्ट रणनीति बनाएं और उस पर दृढ़ता से अमल करें।
  • लॉट साइज को सीमित रखें: अपने अकाउंट साइज के अनुसार ही लॉट साइज का चुनाव करें।
  • समय प्रबंधन पर ध्यान दें: ऑप्शन की समय सीमा (expiry date) को ध्यान में रखते हुए ही निवेश करें।
  • मनोरंजन की बजाय जानकारी पर ध्यान दें: हमेशा रिसर्च और एनालिसिस के आधार पर ही निर्णय लें, भावनाओं में बहकर नहीं।

निष्कर्ष

ऑप्शन ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने की अपार संभावनाएं होती हैं, लेकिन इसके लिए सही जानकारी, रणनीति और अनुशासन का पालन करना बेहद आवश्यक है। बिना सोचे-समझे, लालच और डर के प्रभाव में आकर किए गए निवेश अक्सर नुकसान का कारण बनते हैं। इसलिए, ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप सही रणनीति अपनाएं, समय-समय पर अपने फैसलों की समीक्षा करें, और बाजार के उतार-चढ़ाव को समझने की कोशिश करें।

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नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम विक्रम सिंह है और मैं एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर एवं लेखक हूं। मुझें पिछले 2 साल का अनुभव है में फाइनेंस और शेयर मार्कट से जुड़ीं न्यूज़ वेबसाईट के लिए कंटेंट राइटिंग, काम कर रहा हूँ अब मेरा उद्देश्य है moneywl.com पर आपको फाइनेंस जगत की जटिल जानकारियों को सरल और स्पष्ट हिंदी में प्रस्तुत करना है, ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सकें और अपने आर्थिक निर्णय बेहतर बना सके। यदि आपका कोई भी प्रश्न है तो आप मुझें पर X/instagram - Moneywl.com@gmail.com अपना Feedback दे सकते हैं

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