- वर्ष 2024 की पहली छमाही में UPI लेनदेन में 52% का इजाफा हुआ है।
- जनवरी 2023 में 12.98 लाख करोड़ रुपये का यूपीआई लेनदेन जून 2024 में बढ़कर 20.07 लाख करोड़ रुपये हो गया।
- PhonePe, Google Pay और Paytm इस समय अग्रणी UPI मंचों के रूप में उभरे हैं।
भारत में त्वरित भुगतान प्रणाली यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2024 के पहले छह महीनों में UPI के जरिये होने वाले लेनदेन की संख्या 52% बढ़कर 78.97 अरब हो गई है। यह आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि के 51.9 अरब लेनदेन की तुलना में काफी बड़ा है।
भुगतान प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता ‘वर्ल्डलाइन’ ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि यूपीआई भुगतान का बाजार पर दबदबा बरकरार है और इसकी पहुंच दिन-ब-दिन बढ़ रही है। इस दौरान लेनदेन के मूल्य में भी 40% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 83.16 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 116.63 लाख करोड़ रुपये हो गया।
UPI Lite का भी बढ़ा प्रचलन
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि UPI Lite जैसे नए फीचर्स का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे छोटे लेनदेन को पूरा करना और भी आसान हो गया है। इससे डिजिटल भुगतान का परिदृश्य व्यापक हो रहा है और लोग पहले से अधिक मात्रा में UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं।
PhonePe का दबदबा बरकरार
UPI के क्षेत्र में PhonePe का दबदबा अभी भी कायम है। रिपोर्ट के अनुसार, लेनदेन की संख्या और मूल्य के लिहाज से PhonePe अग्रणी यूपीआई मंच के रूप में उभरा है, जबकि Google Pay और Paytm का स्थान उसके बाद आता है। हालांकि, इस साल की पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन के औसत टिकट आकार (प्रति लेनदेन मूल्य) में 8% की गिरावट देखने को मिली है।
औसत टिकट आकार में गिरावट
जनवरी 2023 में UPI का औसत टिकट आकार 1,603 रुपये था, जो इस साल की पहली छमाही में घटकर 1,478 रुपये रह गया। इस आंकड़े में व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-दुकानदार (P2M) दोनों तरह के लेनदेन शामिल हैं। वर्ल्डलाइन इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमेश नरसिम्हन का मानना है कि, “यूपीआई लेनदेन में इस उल्लेखनीय वृद्धि से यह साबित होता है कि UPI, सूक्ष्म लेनदेन के लिए एक पसंदीदा तरीका बनता जा रहा है। आने वाले समय में इसके और बढ़ने की पूरी संभावना है।”
UPI का भविष्य और प्रभाव
UPI ने भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है और इसके चलते लोग कैशलेस लेनदेन को प्राथमिकता दे रहे हैं। आने वाले वर्षों में, यह उम्मीद की जा रही है कि यूपीआई न केवल छोटे लेनदेन के लिए बल्कि बड़े लेनदेन के लिए भी एक पसंदीदा विकल्प बनेगा। इसके साथ ही, UPI 2.0 और UPI Lite जैसी सुविधाओं का विस्तार इसे और भी व्यापक बनाने में सहायक होगा।
UPI के बढ़ते उपयोग से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और यह भविष्य में भारत को एक कैशलेस समाज में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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