Bank Savings Account Deposit New Rules: इस लेख में हम आपको बैंक सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की सीमा, जमा करने के नए नियम, और इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़ी संभावित चिंताओं के बारे में बताएंगे। यदि आपने कभी सोचा है कि आपके बैंक अकाउंट में कितनी रकम जमा की जा सकती है या बड़ी रकम जमा करने पर क्या इनकम टैक्स विभाग आपसे सवाल पूछ सकता है, तो यह लेख आपके लिए है। साथ ही, यह लेख आपको ब्याज पर टैक्स, TDS कटौती, और इनकम टैक्स नियमों के तहत मिलने वाले छूट की जानकारी भी देगा।
सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की सीमा कितनी है
भारत में बैंक सेविंग अकाउंट खोलने की कोई सीमा नहीं है। आप चाहे जितने खाते खोल सकते हैं और उनमें कितना भी पैसा जमा कर सकते हैं। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण नियमों को समझना जरूरी है:
- मिनिमम बैलेंस नियम: ज्यादातर सेविंग अकाउंट्स में एक न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है, लेकिन जीरो बैलेंस अकाउंट्स को इससे छूट दी जाती है।
- पैसे रखने की सीमा: सेविंग अकाउंट में पैसे रखने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है, लेकिन एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करने पर बैंक यह जानकारी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को देता है।
सेविंग अकाउंट ब्याज पर टैक्स देने का नियम
सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को आयकर के तहत टैक्सेबल माना जाता है, तो आइए जानतें है इन नियमों के बारें विस्तार से:
- टीडीएस (TDS) कटौती: बैंक सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर 10% का TDS काटता है।
- टैक्स छूट भी मिलती है:
- आयकर अधिनियम की धारा 80 TTA के तहत, ₹10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है।
- सीनियर सिटीजन (60 वर्ष और उससे अधिक) के लिए यह छूट ₹50,000 रुपये तक मिलती है।
- उदाहरण के लिए: अगर आपने अपने सेविंग अकाउंट में 5 लाख रुपये जमा किए हैं और उस पर 4% का ब्याज मिलता है, तो सालाना ब्याज ₹20,000 होगा। इसमें से ₹10,000 पर टैक्स छूट मिलेगी और शेष ₹10,000 पर टैक्स देना होगा।
सेविंग अकाउंट में बड़ी रकम जमा करने पर क्या होगा?
- यदि आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो बैंक इस जानकारी को CBDT के साथ साझा करेगा।
- आयकर विभाग की जांच:
- जमा की गई राशि का स्रोत पूछा जा सकता है।
- संतोषजनक उत्तर न मिलने पर जांच हो सकती है।
- जांच में धनराशि का स्रोत गलत पाए जाने पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज, और 4% सेस लगाया जा सकता है।
- एफडी, म्यूचुअल फंड, और अन्य निवेश: इन पर भी यही नियम लागू होते हैं।
रकम जमा सीमा | रिपोर्टिंग नियम |
---|---|
10 लाख रुपये या अधिक | CBDT को सूचना दी जाती है |
स्रोत की जांच | संतोषजनक जवाब न मिलने पर टैक्स और जुर्माना |
निष्कर्ष
बैंक सेविंग अकाउंट में पैसा जमा करना सुरक्षित और फायदेमंद है, लेकिन बड़ी रकम जमा करते समय आयकर विभाग के नियमों का पालन करना जरूरी है। 10 लाख रुपये से अधिक की जमा पर CBDT को रिपोर्टिंग अनिवार्य है। ब्याज पर टैक्स देने और इनकम टैक्स छूट का सही इस्तेमाल कर सकते हैं। हमेशा अपने फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स को अपडेट रखें और वैध स्रोत से जमा करें ताकि किसी भी जांच का सामना आत्मविश्वास से किया जा सके।
बैंक सेविंग अकाउंट और इनकम टैक्स से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या मैं अपने सेविंग अकाउंट में कोई भी रकम जमा कर सकता हूं?
हाँ, आप अपने सेविंग अकाउंट में कोई भी रकम जमा कर सकते हैं। इसके लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
क्या एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करने पर कोई दिक्कत हो सकती है?
अगर आप एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो बैंक यह जानकारी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को देगा। आयकर विभाग आपके पैसे का स्रोत पूछ सकता है।
सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना जरूरी है?
हाँ, सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, धारा 80 TTA के तहत 10,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट मिलती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट 50,000 रुपये तक है।
क्या बैंक ब्याज पर TDS काटता है?
हाँ, बैंक ब्याज पर 10% का TDS काटता है, लेकिन यदि आपकी कुल आय टैक्स के दायरे में नहीं आती, तो आप फॉर्म 15G या 15H भरकर TDS से बच सकते हैं।
बड़ी रकम जमा करने पर आयकर विभाग किस प्रकार की जांच कर सकता है?
आयकर विभाग आपके जमा किए गए पैसे का स्रोत पूछ सकता है। अगर स्रोत वैध नहीं पाया गया, तो विभाग 60% टैक्स, 25% सरचार्ज, और 4% सेस लगा सकता है।
सेविंग अकाउंट के अलावा FD, म्यूचुअल फंड या शेयरों में बड़ी रकम पर भी यही नियम लागू होते हैं?
हाँ, एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि FD, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, या शेयरों में निवेश पर भी रिपोर्ट की जाती है, और आयकर विभाग इन पर जांच कर सकता है।
अगर मेरे पैसे का स्रोत वैध है, तो क्या मुझे चिंता करनी चाहिए?
नहीं, यदि आपका पैसे का स्रोत वैध है और आपने सही तरीके से ITR फाइल किया है, तो आपको किसी भी जांच का डर नहीं होना चाहिए।
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