RBI का बड़ा ऐलान: फेस्टिव सीजन में बढ़ी UPI Lite की लिमिट, जानें इसके सभी फायदे

RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फेस्टिव सीजन के मौके पर डिजिटल पेमेंट को और आसान बनाने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। इस बार RBI ने UPI Lite की लेनदेन सीमा को …

RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फेस्टिव सीजन के मौके पर डिजिटल पेमेंट को और आसान बनाने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। इस बार RBI ने UPI Lite की लेनदेन सीमा को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया है। इससे छोटे भुगतान करने वाले ग्राहकों को डिजिटल ट्रांजेक्शन में काफी सहूलियत मिलेगी। RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC Meeting 2024 UPI Lite Transaction Limit) (MPC) की हाल ही में हुई बैठक में इस बदलाव की घोषणा की गई, जिसका उद्देश्य फेस्टिव सीजन के दौरान UPI के माध्यम से होने वाले लेनदेन को और सुगम बनाना है।

Repo Rate में नहीं हुआ कोई बदलाव

इस बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) को 6.5% पर स्थिर रखने का भी निर्णय लिया गया है, जिससे मौजूदा लोन पर EMI दरों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यह लगातार चौथी बार है जब रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की गई है। हालांकि, UPI Lite की लेनदेन सीमा में बदलाव करने का मुख्य उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना और लोगों को बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी आसानी से लेनदेन करने की सुविधा प्रदान करना है।

UPI Lite limit increased during festive season
UPI Lite limit increased

UPI Lite: क्या है और कैसे करता है काम?

UPI Lite, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा शुरू की गई एक खास सुविधा है, जो UPI प्लेटफॉर्म पर छोटे-मूल्य के लेनदेन को आसान बनाती है। यह सुविधा उन यूजर्स के लिए बेहद फायदेमंद है जो सीमित इंटरनेट कनेक्शन वाले क्षेत्रों में रहते हैं या जिनका मुख्य उद्देश्य कम-मूल्य के ट्रांजेक्शन करना होता है। UPI Lite में लेनदेन करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होती, जिससे यह छोटे व्यापारी और दुकानदारों के लिए काफी उपयोगी है।

UPI Lite की सीमा क्यों बढ़ाई गई?

RBI ने 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर के बीच हुई मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में UPI Lite की सीमा को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया है, ताकि छोटे और मझोले लेनदेन करने वाले यूजर्स को बार-बार ट्रांजेक्शन की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, प्रति लेनदेन सीमा को भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।

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नए बदलावों का उद्देश्य और फायदा

  1. बड़े लेनदेन की सुविधा:
    इस कदम का मुख्य उद्देश्य यूजर्स को बिना इंटरनेट के भी बड़ी राशि का लेनदेन करने की अनुमति देना है। इसके साथ ही, वॉलेट में अधिक पैसे रखने से बार-बार रिचार्ज की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
  2. फास्ट और आसान पेमेंट:
    छोटे लेनदेन को सक्षम बनाने के लिए UPI Lite को डिज़ाइन किया गया था, लेकिन अब सीमा बढ़ने से व्यापारी भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
  3. कम इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत:
    जिन क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्शन सीमित है, वहां भी UPI Lite का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। इससे छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
UPI के जरिए टैक्स पेमेंट में भी छूट
UPI के जरिए टैक्स पेमेंट में भी छूट

UPI के जरिए टैक्स पेमेंट में भी छूट

RBI ने अगस्त में UPI के माध्यम से टैक्स पेमेंट की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था। इसका मुख्य उद्देश्य है कि ग्राहक आसानी से टैक्स पेमेंट कर सकें और उन्हें बार-बार बड़े लेनदेन के लिए अन्य पेमेंट मोड्स का सहारा न लेना पड़े।

अलग-अलग कैटेगरी के लिए UPI की लिमिट

RBI ने मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि कुछ विशेष कैटेगरी के लिए UPI लेनदेन की सीमा अलग होगी। जैसे:

  • कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस: 2 लाख रुपये तक।
  • फॉरेन इन्वार्ड रेमिटेंस: 2 लाख रुपये।
  • कलेक्शन: 2 लाख रुपये तक की सीमा तय की गई है।
  • IPO और रिटेल डायरेक्ट स्कीम: प्रति लेनदेन 5 लाख रुपये।

UPI नेटवर्क की वर्तमान स्थिति

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, UPI नेटवर्क ने सितंबर में 500 मिलियन से अधिक दैनिक लेनदेन संसाधित किए हैं। इसके साथ ही, पिछले पांच महीनों से UPI का कुल लेनदेन मूल्य ₹20 लाख करोड़ के पार रहा है।

निष्कर्ष:

RBI का यह कदम डिजिटल पेमेंट को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। UPI Lite की सीमा बढ़ाने से अब अधिक यूजर्स इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और छोटे लेनदेन के लिए बिना बैंक प्राधिकरण के भी आसानी से ट्रांजेक्शन कर पाएंगे। त्योहारों के इस सीजन में RBI का यह फैसला निश्चित रूप से UPI यूजर्स के लिए एक राहत की खबर है।

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इससे डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक विस्तार मिलेगा और यूजर्स बिना किसी झंझट के अपने दैनिक लेनदेन को पूरा कर सकेंगे।

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