Reliance: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd), Viacom18 और डिज्नी (Disney) के बीच एक नया ज्वाइंट वेंचर (JV) बनने की घोषणा की गई है। इस मर्जर के बाद यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनियों में से एक बन गई है। Viacom18 के मीडिया और जियो सिनेमा कारोबार का स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में मर्जर अब प्रभावी हो गया है, जिससे इस संयुक्त उद्यम की वैल्यू 70,352 करोड़ रुपये मानी गई है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि यह मर्जर कैसे हुआ, इसका प्रभाव क्या है और इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज की भूमिका क्या होगी।
रिलायंस का बड़ा निवेश – JV की ग्रोथ के लिए ₹11,500 करोड़ का निवेश
इस मर्जर के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज ने JV की ग्रोथ के लिए 11,500 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। इस निवेश से JV को रिलायंस की ओर से कई नए फंड और अन्य संसाधन मिलेंगे, जिससे यह कंपनी भविष्य में और तेज़ी से ग्रोथ कर सकेगी। इस डील के पूरा होने के बाद JV में Viacom18 और रिलायंस को शेयर अलॉट किए गए हैं, जिससे Viacom18 का 46.82%, डिज्नी का 36.84%, और रिलायंस का 16.34% हिस्सा है।
मर्जर के हिस्सेदार | हिस्सेदारी (%) |
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Viacom18 | 46.82 |
Disney | 36.84 |
रिलायंस इंडस्ट्रीज | 16.34 |
मर्जर को रेगुलेटरी अनुमतियां
इस मर्जर को पहले NCLT मुंबई, CCI, और अन्य रेगुलेटरी अथॉरिटी ने मंजूरी दी थी, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही, रिलायंस और डिज्नी ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी करते हुए मर्जर के लिए भविष्य के प्लान की घोषणा की है।
JV की रणनीतिक – तीन CEO और नीता अंबानी की अध्यक्षता
रिलायंस-डिज्नी JV का प्रबंधन तीन CEO के नेतृत्व में होगा, जिससे प्रत्येक अलग-अलग क्षेत्र के संचालन का जिम्मा संभाल सकें। केविन वाज़ (Kevin Vaz) सभी एंटरटेनमेंट ऑर्गेनाइजेशन का नेतृत्व करेंगे, वहीं किरण मणि कंबाइंड डिजिटल ऑर्गेनाइजेशन का प्रबंधन संभालेंगे। नीता अंबानी JV की चेयरपर्सन होंगी, जिससे इस JV का प्रभावी नेतृत्व और सुचारु संचालन सुनिश्चित होगा।
अंत में रिलायंस और डिज्नी के इस मर्जर के बाद बने ज्वाइंट वेंचर ने भारत में मीडिया इंडस्ट्री को नया आकार दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के 11,500 करोड़ रुपये के निवेश से इस JV को बड़ी संभावनाएं मिलेंगी। 70,352 करोड़ रुपये की वैल्यू के साथ यह देश की सबसे बड़ी मीडिया कंपनियों में से एक बन गई है, और तीन CEO की संरचना से कंपनी के प्रबंधन में कुशलता और नए प्रयोगों की संभावना बढ़ेगी।