स्विग्गी, जो भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनियों में से एक है, हाल ही में अपने शेयर की कीमत को लेकर चर्चा में बना हुआ है। स्टॉक मार्केट में इसके शेयर्स का प्रदर्शन निवेशकों के लिए काफ़ी महत्व रखता है। पिछले कुछ हफ्तों में स्विग्गी के शेयर ने भारी अस्थिरता देखी है। 2025 की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट के बाद, कंपनी के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। मौजूदा समय में शेयर प्राइस ₹433.65 पर ट्रेड कर रहा है। पिछले 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर ₹617.30 तक पहुंच गया था, जबकि न्यूनतम स्तर ₹389.05 तक लुढ़क गया।
स्विग्गी शेयर प्राइस का हालिया प्रदर्शन
तिथि | ओपनिंग प्राइस | हाई | लो | क्लोजिंग प्राइस |
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1 फरवरी 2025 | ₹440.50 | ₹445.20 | ₹430.10 | ₹433.65 |
31 जनवरी 2025 | ₹450.30 | ₹455.00 | ₹438.50 | ₹440.50 |
30 जनवरी 2025 | ₹460.20 | ₹462.80 | ₹448.90 | ₹450.30 |
29 जनवरी 2025 | ₹470.10 | ₹472.50 | ₹459.00 | ₹460.20 |
हाल ही में जारी वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, स्विग्गी का घाटा बढ़कर ₹799 करोड़ हो गया है। निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। कंपनी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, खासकर ज़ोमैटो जैसी कंपनियों से। फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में नई कंपनियों के आने से मुकाबला और भी कठिन हो गया है। निवेशकों को इस बात की चिंता है कि कंपनी अपनी लागत को नियंत्रित नहीं कर पा रही है और इसका सीधा असर शेयर बाजार में इसकी स्थिति पर पड़ रहा है।
स्विग्गी के शेयर में भारी उतार-चढ़ाव का एक प्रमुख कारण है कंपनी की लागत और राजस्व में असंतुलन। पिछले कुछ वर्षों में, स्विग्गी ने अपने डिलीवरी नेटवर्क और लॉजिस्टिक्स पर भारी निवेश किया है, जिससे कंपनी के खर्चे बढ़ गए हैं। हालांकि, इस निवेश का फायदा कंपनी को दीर्घकालिक रूप से मिल सकता है, लेकिन अल्पकालिक रूप में निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है।
अगर स्विग्गी के व्यापार मॉडल पर नज़र डालें, तो यह मुख्य रूप से फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स पर निर्भर करता है। हाल ही में स्विग्गी ने अपने क्विक डिलीवरी सेगमेंट में विस्तार किया है, जिससे कंपनी को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह नया मॉडल कंपनी के लिए फायदेमंद साबित होता है या नहीं।
वर्तमान समय में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि स्विग्गी के शेयर में निवेश करना सही रहेगा या नहीं। अगर लॉन्ग-टर्म निवेश की बात करें, तो यह गिरावट खरीदारी के अवसर के रूप में देखी जा सकती है। हालांकि, शॉर्ट-टर्म में इसमें और उतार-चढ़ाव होने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में जो निवेशक जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं, वे इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं।
शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का प्रदर्शन उसके भविष्य की योजनाओं और बाजार में उसकी स्थिति पर निर्भर करता है। स्विग्गी ने हाल ही में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है और नए इनोवेशन पर काम कर रही है। अगर कंपनी अपने बिजनेस मॉडल को मजबूत करने में सफल रहती है और ग्राहकों का विश्वास बनाए रखती है, तो इसके शेयर की कीमत में सुधार देखने को मिल सकता है।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि स्विग्गी को अपने खर्चों को नियंत्रित करने और मुनाफे में वृद्धि करने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाने की जरूरत होगी। कंपनी के प्रबंधन को राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ लागत में कटौती के उपायों पर ध्यान देना होगा।
इसके अलावा, निवेशकों को वैश्विक और घरेलू आर्थिक कारकों का भी ध्यान रखना चाहिए। वर्तमान में बढ़ती महंगाई, ब्याज दरों में वृद्धि और वैश्विक मंदी की संभावना भी स्टॉक मार्केट को प्रभावित कर सकती है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को धैर्य और सतर्कता के साथ निर्णय लेना चाहिए।
स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझना हर निवेशक के लिए जरूरी होता है। किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके वित्तीय प्रदर्शन, बाजार में उसकी स्थिति और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करना चाहिए। स्विग्गी जैसी कंपनियां जो तेजी से बढ़ रही हैं, उनमें निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी जुड़े होते हैं।
अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि स्विग्गी के शेयर प्राइस में जो उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, वह निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। अगर कोई निवेशक इस कंपनी में निवेश करने की योजना बना रहा है, तो उसे पूरी तरह से बाजार की स्थिति और कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का अध्ययन करना चाहिए।
(अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए लिखा गया है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।)