Stock Market Record High: आज का दिन यानी के 20 सितंबर 2024 यह दिन बहुत से निवेशक के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा। क्योंकि भारतीय शेयर बाजारों ने आज रिकॉर्ड स्तर को छुआ। बीएसई सेंसेक्स 1,389 अंकों की छलांग लगाकर ऐतिहासिक 84,574 पर बंद हुआ। यह उछाल 1.67% की वृद्धि दर्शाता है, जो मजबूत बाजार भागीदारी और अनुकूल वैश्विक संकेतों से प्रेरित है। एनएसई पर, निफ्टी 50 में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो दिन के अंत में 1.59% बढ़कर 25,818 पर पहुंच गया।

बैंकिंग और मिडकैप शेयरों में भी ग्रोथ
दिन की सबसे बड़ी हाइलाइट्स में से एक बैंक निफ्टी रहा, जो 900 अंकों की बढ़त के साथ 53,930 पर बंद हुआ, जो 1.68% की वृद्धि को दर्शाता है। बता दें की आज बैंकिंग शेयरों ने पूरे सेक्टर में महत्वपूर्ण बढ़त के साथ बढ़त हासिल की। इसी तरह, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में भी जोरदार वृद्धि देखी गई, जो 919 अंकों की बढ़त के साथ 60,270 पर बंद हुआ, जो 1.55% की उछाल को दर्शाता है।

बाजार में उछाल का कारण क्या था?
आज की बाजार तेजी में कई कारकों का योगदान रहा है जिने आप नीचे दिए गई जानकारी से समझ सकते हैं:
- मजबूत वैश्विक बाजार: वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया।
- खरीदारी: विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों ने खरीदारी में मजबूत रुचि दिखाई, जिससे बाजार में तेजी आई।
- क्षेत्रवार प्रदर्शन: बैंकिंग और मिडकैप शेयरों ने बाजार को ऊपर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख क्षेत्रीय लाभकर्ता
- बैंकिंग क्षेत्र: आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक टॉप प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे, जिससे बैंक निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
- मिडकैप: मिडकैप सेगमेंट के शेयरों, विशेष रूप से रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में, मजबूत खरीदारी देखी गई, जिसने निफ्टी मिडकैप 100 की बढ़त में अपना योगदान दिया।
अंत में भारतीय शेयर बाजार ने एक बार फिर यह साबित किया है की भारतीय बाजार निवेशक के लिए निवेश करने का एक बहतरीन विकल्पों में से एक है, बतादें की निफ्टी के 25,800 को पार करने और सेंसेक्स के 85,000 के करीब पहुंचने के साथ, निवेशक भविष्य की संभावनाओं को लेकर काफी खुश और उत्साही नजर आ रहे हैं, खासकर बैंकिंग और मिडकैप सेक्टर में। विश्लेषकों को उम्मीद है कि यह तेजी निकट भविष्य में भी जारी रहेगी, क्योंकि बाजार पर्यवेक्षक वैश्विक कारकों और संस्थागत खरीद के रुझानों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।