GST Rate Cut: भारत की जीएसटी काउंसिल ने 20 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण बैठक की योजना बनाई है, जिसमें 100 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक दिवाली से पहले होने वाली है, जिससे उम्मीद है कि आम जनता को इस त्योहार पर आर्थिक राहत मिल सकती है। पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया है कि इस बैठक में कई वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। इस लेख में, हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करेंगे, जिसमें जीएसटी की वर्तमान संरचना, संभावित कटौतियाँ, और इसके पीछे के तर्क शामिल हैं।
जीएसटी संरचना और वर्तमान स्थिति
भारत में जीएसटी एक चार-स्तरीय कर प्रणाली है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं पर चार मुख्य स्लैब हैं: 5%, 12%, 18%, और 28%। इन स्लैब्स का उद्देश्य विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दरों को उचित रूप से निर्धारित करना है। हालांकि, कुछ वस्तुओं पर उच्च कर दरों के कारण आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।

चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि औसत जीएसटी दर 2024 में घटकर 11.56 प्रतिशत हो गई है, जो दर्शाता है कि सरकार जीएसटी प्रणाली में सुधार की दिशा में कार्यरत है। इस बैठक में 12 प्रतिशत स्लैब में शामिल चिकित्सा और औषधि से संबंधित वस्तुओं पर कर दर में कमी का प्रस्ताव भी चर्चा का विषय होगा।
संभावित कटौतियाँ और उनके प्रभाव
- 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत की कटौती:
इस बैठक में चर्चा की जाने वाली प्रमुख बिंदुओं में से एक यह है कि कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इस कटौती से आम जनता को राहत मिल सकती है, खासकर उन वस्तुओं पर जो दैनिक जीवन में आवश्यक हैं। - साइकिल पर कर की दर में कमी:
आम जनता द्वारा उपयोग की जाने वाली साइकिल और उसके कलपुर्जों पर जीएसटी की दर को कम करने पर भी विचार होगा। वर्तमान में, साइकिल पर 12 प्रतिशत और ई-साइकिल पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। - बीमा प्रीमियम पर जीएसटी:
स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का मुद्दा भी चर्चा में है। इसके लिए एक नई मंत्रियों की समिति गठित की गई है, जो इस पर निर्णय लेगी।
राजस्व पर प्रभाव
जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह भी चर्चा होगी कि कुछ वस्तुओं पर कर दर को कम करने के कारण होने वाली राजस्व हानि की भरपाई कैसे की जा सकती है। इसके लिए कुछ वस्तुओं पर वर्तमान 28 प्रतिशत जीएसटी को बढ़ाने की संभावना पर भी चर्चा की जाएगी।
निष्कर्ष
अंत में 20 अक्टूबर की जीएसटी काउंसिल की बैठक में की जाने वाली चर्चाएँ आम जनता के लिए बड़े बदलाव का संकेत दे सकती हैं। यदि प्रस्तावित कटौतियाँ लागू होती हैं, तो दिवाली से पहले आम लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक राहत का अवसर होगा। इससे न केवल दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि इससे आम जनता की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
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